वैदिक ज्योतिष सेवाएं

Bhagyafal.com में आपका स्वागत है। एक वैबसाईट जहां आप भारतीय तथा वैदिक ज्योतिष के बहुत से महत्त्वपूर्ण विषयों के बारे में सही एवम व्यवहारिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा अपनी जन्म कुंडली के माध्यम से अपने जीवन में होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं के बारे में जान सकते हैं तथा वैदिक ज्योतिष के मार्गदर्शन तथा उपायों से अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। बहुत से जातकों की कुंडलियों में उतने बुरे तथा अशुभ योग उपस्थित होते नहीं हैं जितने उन्हें बताए जाते हैं। आजकल के ज्योतिषी बहुत से जातकों को यह बता देते हैं कि उनकी कुंडली में काल सर्प दोष, मांगलिक दोष, पित्र दोष तथा ऐसे ही अन्य गंभीर तथा अशुभ योगों में से कोई एक अथवा एक से भी अधिक दोष बनते हैं जिसके कारण उनके जीवन में गंभीर समस्याएं आएंगीं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन दोषों में से प्रत्येक दोष कुंडली में बनने पर जातक को अपने जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है किन्तु साथ ही साथ यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि इनमें से प्रत्येक दोष अपने आप में दुर्लभ है जिसके कारण ऐसे दोष प्रत्येक दूसरी या तीसरी कुंडली में नहीं बनते जैसा कि आजकल के अधिकतर ज्योतिषी अपने पास आने वाले अधिकतर जातकों को बता देते हैं। उदाहरण के लिए लगभग हर दूसरे जातक को यह बताया जाता है कि उसकी कुंडली में मांगलिक दोष है तथा लगभग हर चौथे जातक को यह बताया जाता है कि उसकी कुंडली में कालसर्प योग है तथा इसी प्रकार अन्य दोषों के बारे में भी इसी प्रकार का प्रचार किया जाता है जो वास्तव में सत्य नहीं है क्योंकि वास्तविकता में ऐसे दोष केवल कुछ ही कुंडलियों में बनते हैं तथा प्रत्येक दूसरी अथवा तीसरी कुंडली में इन दोषों का निर्माण नहीं होता। इसलिए एक सामान्य जातक को इन दोषों से बहुत अधिक भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है तथा वैदिक ज्योतिष को एक उचित दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है।
ज्योतिष की नींव वैदिक काल में हमें हमारे जीवन के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए रखी गई थी न कि इसके तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर हमे डराने के लिए। इसलिए यदि कोई ज्योतिषी आपको यह बताता है कि आपकी कुंडली में मांगलिक दोष बनता है जिसके कारण आपका विवाह तथा वैवाहिक जीवन कष्टों तथा रुकावटों से भरपूर होगा तो एकदम से आशा न छोड़ें तथा सबसे पहले यह देखें कि जिस ज्योतिषी को आपने अपनी कुंडली दिखाई है, उसका ज्योतिष ज्ञान कितना है क्योंकि आधुनिक काल में ज्योतिष का अभ्यास कर रहे अनेक ज्योतिषियों के पास केवल एक सीमित मात्रा तक का ज्योतिष ज्ञान ही है जिसके चलते ऐसे ज्योतिषी अपने कम ज्ञान के चलते अपने पास आने वाले जातकों को भ्रम तथा चिंता ही प्रदान कर पाते हैं। किसी ज्योतिषी द्वारा आपकी कुंडली में मांगलिक दोष, काल सर्प दोष, पित्र दोष अथवा ऐसा ही कोई अन्य दोष बताए जाने पर सबसे पहला कार्य यह करें कि किसी ऐसे ज्योतिषी से परामर्श प्राप्त करें जिसका ज्योतिष के क्षेत्र में बहुत अधिक ज्ञान तथा अनुभव हो तथा ऐसे ज्योतिषी से अपनी कुंडली में बताए गए इन दोषों के बनने अथवा न बनने के बारे में परामर्श प्राप्त करें तथा अधिकतर मामलों में आने वाले परिणाम आपके लिए सुखद आश्चर्य लेकर आएंगें क्योंकि जिन जातकों को वैदिक ज्योतिष में प्रचलित परिभाषाओं के अनुसार मांगलिक दोष अथवा काल सर्प दोष आदि बता दिए जाते हैं, वास्तव में इनमें से बहुत कम जातकों की कुंडलियों में ही यह दोष बनते हैं। उदाहरण के लिए मांगलिक दोष की ज्योतिष में प्रचलित परिभाषा के अनुसार लगभग प्रत्येक दूसरी कुंडली में मांगलिक दोष बनता है जबकि वास्तविकता में लगभग प्रत्येक 20वीं से 30वीं कुंडली में ही मांगलिक दोष बनता है जिसके चलते यह कहा जा सकता है कि जितने जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष का होना बताया जाता है उनमें से लगभग 10 में से 1 जातक की कुंडली में ही वास्तविकता में यह दोष बनता है तथा ऐसे 10 में से लगभग 9 जातकों की कुंडली में तो यह दोष बनता ही नहीं। इसी प्रकार की संभावनाएं काल सर्प दोष, पित्र दोष तथा अन्य दोषों के साथ भी बनती हैं जिसके चलते इन दोषों से अपने आप को पीड़ित समझने वाले अधिकतर जातक तो वास्तव में इन दोषों से पीड़ित होते ही नहीं हैं।
यदि ज्योतिष के अनुसार वास्तविकता में कोई अशुभ दोष आपकी कुंडली में बनता भी है तो भी आपको क्षति पहुंचाने के लिए इस दोष का बलवान होना आवश्यक है क्योंकि कोई भी बलहीन दोष किसी जातक को अधिक क्षति नहीं पहुंचा सकता। इसके पश्चात किसी जातक की कुंडली में उपस्थित किसी शुभ योग के प्रभाव से ऐसे दोषों का प्रभाव कम भी हो सकता है तथा कई बार तो कुंडली में एक से अधिक शुभ योगों के बन जाने से कुंडली में बनने वाले अशुभ योग का प्रभाव बहुत ही कम हो जाता है। इसलिए इस लेख को पढ़ने वाले पाठकों को मेरा सुझाव है कि अपनी कुंडली में किसी दोष आदि के बनने के बारे में पता चलने पर धीरज न छोड़ें तथा किसी अच्छे अथवा बहुत अच्छे ज्योतिषी से परामर्श करें और पूछें कि क्या वास्तव में ही ऐसा कोई दोष आपकी कुंडली में बनता है या नहीं और यदि बनता भी है तो इस दोष का बल क्या है तथा इस दोष का निवारण कैसे किया जा सकता है क्योंकि किसी कुंडली में बनने वाले अधिकतर दोषों का ज्योतिष के उपायों की सहायता से निवारण किया जा सकता है अथवा इन दोषों के बल को बहुत कम किया जा सकता है जिसके कारण इन दोषों के वास्तव में आपकी कुंडली में उपस्थित होने पर भी आप इन दोषों के अशुभ प्रभावों से बहुत सीमा तक छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि अनेक कुंडलियों में किसी न किसी प्रकार का अशुभ योग अथवा दोष उपस्थित होता है किन्तु इसका अर्थ यह कदापि नहीं होता कि ऐसे जातकों के लिए उनके जीवन के किसी क्षेत्र विशेष में शुभ फलों की कोई संभावना ही नहीं रह गयी। जिस प्रकार अनेक कुंडलियों में कोई न कोई दोष उपस्थित होता है उसी प्रकार अनेक कुंडलियों में कोई न कोई शुभ योग भी उपस्थित होता है जो जातक को उसके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रकार के शुभ फल प्रदान कर सकता है तथा जिसके चलते बहुत बार कुंडली में बनने वाले अशुभ योगों अथवा दोषों का प्रभाव भी कम हो जाता है। कुंडली में बनने वाले अधिकतर दोषों जैसे कि मांगलिक दोष, काल सर्प दोष तथा पित्र दोष आदि जैसे दोषों का प्रभाव ज्योतिष के उपायों जैसे कि मंत्र, यंत्र तथा रत्न आदि के प्रयोग से बहुत सीमा तक कम किया जा सकता है तथा कुंडली में बनने वाले शुभ योगों का प्रभाव भी इसी प्रकार के ज्योतिष के उपायों की सहायता से बहुत बढ़ाया जा सकता है। इसलिए यदि कोई ज्योतिषी आपको यह बताता है कि आपकी कुंडली में कोई गंभीर दोष बनता है तो उसकी बात को एकदम से न मान लें तथा किसी ज्ञानी तथा अनुभवी ज्योतिषी से इस दोष के बनने अथवा न बनने के बारे में परामर्श प्राप्त करें तथा उसके पश्चात इस दोष के वास्तव में बनने पर उस दोष के निवारण के लिए उपाय पूछें जिससे कि आप इस दोष के दुष्प्रभावों से बहुत सीमा तक छुटकारा प्राप्त कर सकें। एक अच्छा वैदिक ज्योतिषी आपकी कुंडली में बनने वाले दोषों के निवारण के साथ ही आपको आपकी कुंडली में बनने वाले शुभ योगों के प्रभाव को बढ़ाने के उपाय भी बता सकता है जिसके चलते आपके जीवन में होने वाले अशुभ कार्यों में कमी तथा शुभ कार्यों में वृद्धि होनी शुरु हो जाएगी जिसके कारण आपका जीवन पहले की तुलना में अधिक सुखी हो जाएगा। इस बात का ध्यान रखें कि ज्योतिष की नींव लोगों को उनकी कुंडली के माध्यम से उनके जीवन के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए तथा ज्योतिष के उपायों के माध्यम से उनका जीवन अपेक्षाकृत अच्छा बनाने के लिए रखी गई है न कि लोगों की कुंडलियों में ऐसे दोषों की उपस्थिति बता कर उनका जीवन निराशामय बनाने के लिए, जो दोष वास्तव में इन जातकों की कुंडली में बनते ही नहीं हैं। इसलिए ज्योतिष का प्रयोग केवल लोगों के उचित मार्गदर्शन तथा उनके जीवन को पहले की अपेक्षा अधिक सुखी बनाने के लिए ही किया जाना चाहिए क्योंकि यही ज्योतिष की वास्तविक उपयोगिता है।
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अन्य समस्याएं : उपरोक्त समस्याओं के अतिरिक्त किसी भी अन्य समस्या या दोष जैसे कि पित्र दोष, मांगलिक दोष, काल सर्प दोष, गंड मूल दोष आदि के निवारण प्राप्त करें।
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